उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से श्रावण मास में सोमवार को निकली भगवान महाकाल की चौथी सवारी में पिछली तीन सवारियों के मुकाबले भीड़ नियंत्रित रही। प्रशासन ने नया प्रयोग करते हुए भजन मंडलियों को सवारी निकलने से दो बजे से शिप्रा तट की ओर रवाना कर दिया था। इससे भीड़ विभक्त हो गई और शाम 4 बजे जब सवारी शुरू हुई धक्का मुक्की की स्थित निर्मित नहीं हुई।
हालांकि सभा मंडप व शिप्रा तट स्थित पूजन स्थल की व्यवस्थाओं में अब भी सुधार की गुंजाइश नजर आ रही है। इन दोनों स्थानों पर अपना प्रभाव दिखाने के लिए बड़ी संख्या में जनप्रतिनिध व उनके साथ आए लोग जमा रहते हैं। इससे परेशानी का समाना करना पड़ रहा है।
उज्जैन जिला व मंदिर प्रशासन ने चौथी सवारी में भीड़ नियंत्रण के लिए रविवार को पुजारी,पुरोहित, जनप्रतिनिधि व भजन मंडलों की बैठक बुलाई थी। सभी के साथ चर्चा के बाद सभामंडप, शिप्रा तट व सवारी में भीड़ नियंत्रण को लेकर कई निर्णय लिए गए थे। सोमवार को प्रशासन ने सभामंडप में अनाधिकृत रूप से सभामंडप में प्रवेश करने वालों को बाहर कर दिया।
कुछ लोगों ने पास दिखाकर दबाव बनाने का प्रयास किया, तो उनके पास जब्त कर लिए। लेकिन नेताओं पर रोक नहीं लगा पाए, सभा मंडप में बड़ी संख्या पार्टी संगठन के लोग जमा थे। यह लोग हर सवारी में सभामंडप पहुंच रहे हैं। चुनावी साल में अपनी राजनीति चमकाने के लिए यह भीड़ नियंत्रण में शासन,प्रशासन का सहयोग नहीं कर रहे हैं।
प्रशासन ने सवारी में भीड़ नियंत्रण के लिए परंपरागत 9 भजन मंडलों को शामिल होने की अनुमति दी है। मंडलों की सदस्य संख्या को भी सीमित कर दिया गया है। लेकिन अब देवी देवताओं के वेशभूषा में सवारी में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। सोमवार को बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इनमें छोटे बच्चे भी थे। झांझ डमरू बजाने के लिए भी छोटे-छोटे बच्चे सवारी नजर आ रहे हैं।
महाकाल मंदिर में सोमवार को देशभर से आए हजारों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने पहुंचे। शाम को सवारी शुरू होने से कुछ देर पहले एक महिला दर्शनार्थियों की भीड़ में दबकर बेहोश हो गई। सूचना मिलते ही चिकित्सा दल मौके पर पहुंचा तथा महिला का उपचार किया।