विष्णु चसोलिया
कालपी -जालौन-अहिंदी भाषी क्षेत्र के विद्यार्थी अब नगर निवासी साहित्यकार श्याम सुन्दर श्रीवास्तव 'कोमल' द्वारा रचित, रचनाये पढेगे । एन सी ई आर टी ने मुदिता नामक पुस्तक में उनकी रचनाओ को शामिल किया है।
अहिंदी भाषी क्षेत्र (दक्षिण भारत) के विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई कक्षा 5 की हिंदी पाठ्य पुस्तक "मुदिता" हिंदी पाठमाला में देश के साहित्यकार श्याम सुन्दर श्रीवास्तव 'कोमल' की बाल कहानी "ऐसे किया छुट्टियों का सदुपयोग" को शामिल किया गया है ।
गौरतलब है की ये पाठ्य पुस्तक विकास पब्लिकेशन हाउस के सहयोगी प्रतिष्ठान मधुबन एजुकेशनल बुक्स द्वारा एन.सी.ई.आर.टी. एवम् शिक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देशों पर तैयार की है ।
उल्लेखनीय है कि पाठ्य पुस्तक में पाठों के अतिरिक्त अभ्यास माला में बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु अन्य गतिविधियां भी दी गई हैं । सुरुचिपूर्ण पाठ, बोधगम्य भाषा, मानसिक विकास के लिए उपयोगी प्रश्नमाला तथा सरलता पूर्वक व्याकरण की जानकारी भी दी गई है ।
बताते चलें कि बाल कहानी के लेखक श्याम सुन्दर श्रीवास्तव 'कोमल' रावगंज कालपी के मूल निवासी है और वर्तमान में अशोक हायर सेकेण्डरी स्कूल, लहार, भिण्ड (म . प्र.) में हिंदी व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं । उनकी अनेक रचनाएं पाठ्यक्रम में सम्मिलित की गई हैं । सूचना एवम प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की प्रतिष्ठित बाल पत्रिका "बाल भारती", हिंदुस्तान टाइम्स की बाल पत्रिका, "नंदन", उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की पत्रिका "बालवाणी" एन. सी. ई. आर. टी. की प्रतिष्ठित पत्रिका "फिरकी बच्चों की", "देवपुत्र", "बच्चों का देश", विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित होने वाली बाल पत्रिका "हँसती दुनिया" एवम् "बाल वाटिका" सहित प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं । अनेक कृतियों के प्रणेता श्याम सुंदर श्रीवास्तव 'कोमल' को अनेक पुरस्कार एवम् सम्मान भी प्राप्त हो चुके हैं ।
उल्लेखनीय है कि इस साहित्यकार के व्यक्तित्व एवम् कृतित्व पर कालपी महाविधालय कालपी के प्रवक्ता डा.सोमचंद चौहान के कुशल निर्देशन में श्रुति गुप्ता द्वारा "हिंदी बाल साहित्यांतर्गत कोमल जी का योगदान" शीर्षक से वर्ष 2013 में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में लघुशोध प्रबंध प्रस्तुत किया जा चुका है ।
इस उपलब्धि के लिए क्षेत्र के साहित्यकारों, शिक्षकों, शिक्षाविदों, अभिभाषकों, समाज सेवियों ने बधाई देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है ।